शुक्रवार, 2 जनवरी 2009

राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री आ गृहमंत्री के नांवे खुला चिट्ठी



आलेख-अतिथि के / ओंकारेश्वर पाण्डेय


बधाई राष्ट्रपति महोदया,बधाई प्रधानमंत्री जी,बधाई गृह मंत्री जी,
नया साल २००९ खातिर ढेर सारा बधाई.
इ बधाई खाली हमरे तरफ से नइखे. एह बधाई में शामिल बा संउसे दुनिया में फैलल, बिना डर-भय के शक्ति आ शान से रह रहल करोड़न भोजपुरिया भाई लोगन के मन के भाव आ अंतरात्मा के आवाज.
स्वीकार करीं...कुल्ह भोजपुरिया भाई के हार्दिक बधाई ...
दुनिया के सबसे बड़ा लोकतान्त्रिक देश के पहिला महिला राष्ट्रपति महामहिम श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल जी के नव वर्ष के बधाई देत आपन राजेन्द्र बाबू याद आ जात बाडन..महामहिम प्रतिभा जी, रौवा याद होइहन राजेन्द्र बाबू, उहे राजेन्द्र बाबू जे भारत के पहिला राष्ट्रपति चुनल गइलन.. राजेन्द्र बाबू भोजपुरिया माटी के सपूत रहलन, अइसन खांटी भोजपुरिया जे राष्ट्रपति भवन में भी आवेवाला भोजपुरिया लोगन से भोजपुरी में बतियावे में संकोच ना करत रहलन.
राष्ट्रपति महोदया, जब राजेन्द्र बाबू चह्तन त भोजपुरी भाषा के संवैधानिक मान्यता मिले में कौनो दिक्कत ना होइत. बाकिर ऊ अपना मातृभाषा के बजाय, राष्ट्रभाषा हिन्दी के मान्यता दिवावे के जादे जरुरी समझलन आ एह तरह से आपन राष्ट्रीय नेता होखे के पहिचान आ प्रमाण देहलन .. भोजपुरिया लोगन के करेजा भी उनकरे नियन विशाल रहल बा " देश पहिले, आपन समाज अउर संस्कृति बाद में ..
बाकिर एह देश के दूसर भाषा के लोग आपन भाषा के बारे में पहिले सोचले, राष्ट्रभाषा के बारे में बाद में. खैर - अब रास्त्रभाषा हिन्दी के पहिचान आ विकास के मसला नइखे रह गइल. हिन्दी के ओकर स्थान, पहिचान, सम्मान - कुल्ह मिल गइल. अब जरुरी बा कि भोजपुरी भाषा के ओकर स्थान, मान, सम्मान मिले.
राष्ट्रपति महोदया, रउवा अगर तनिको रूचि लेब त भोजपुरी भाषा के संबिधान के अठवां अनुसूची में शामिल करे में देरी ना होई .. अगर रउवा प्रयास से अइसन हो सकल त इ राजेन्द्र बाबू के प्रति राउर सच्चा श्रधांजलि आ संउसे दुनिया के भोजपुरिया लोगन के प्रति एतिहासिक योगदान होई. भोजपुरिया लोग राउर एह योगदान के कब ही ना भुला पइहन..
हम एह चिट्ठी के माध्यम से देश के सहज प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह आ धीर गंभीर गृहमंत्री श्री पी चिदम्बरमो जी के नया साल के असीम शुभकामना देत निहोरा करब कि भोजपुरिया भाई लोगन के साथे न्याय करे में देर मत करीं.
प्रधानमंत्री जी, रउवा इतना करुण करेजा वाला सज्जन पुरूष बानीं कि 1984 के दंगा प्रभावित लोगन से माफ़ी मागे में इचको ना हिचिकिनी. एह से राउर कद अउर बढ़ गइल. लोग चाहे जवन कहे. सांच त ई बा कि रउवा प्रधानमंत्री के रूप में राजधर्म के पालन तमाम कठिनाई के बादो कर रहल बानी..एही से भोजपुरिया लोगन के भी भरोसा बा कि रउवा उनको साथे न्याय जरुर करब .. रउवा बिजी होखब, एह से याद दियावे खातिर इ चिट्ठी लिखत बानी. बड़ी बिनम्रता से हमनी के इ कहनाम बा कि जब एह देश में कुछ लाख लोगन के भाषा कोंकणी, डोगरी, बोडो आ मणिपुरी जइसन के संबिधान के अठवां अनुसूची में शामिल कर लिहल गइल त भोजपुरी के काहे नइखे शामिल कइल जात - रउवा मालूम बा कि भोजपुरी आज करोड़ों लोगन के मातृभासा हिया.. एकर पढ़ाई देश के ८ गो विश्वबिद्यालय में हो रहल बा, कई देशन में भोजपुरी लोग बहुत बड़ संख्या में बाड़े, आ बिदेस के अलावा भोजपुरी माटी के लोग अपनों देश के पहिला राष्ट्रपति से ले के राउर प्रधानमंत्री के कुर्सी तक पहुंच चुकल बाड़े.
रउआ अगर राष्ट्रभाषा हिन्दी के १० गो सर्वश्रेष्ठ साहित्यकार लोगन के नाम लेब त ओह में जादेतर असल में भोजपुरिये मिलिहन .. हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत के मूल में भी अवधि के साथे भोजपुरी के महत्वपूर्ण स्थान बा .. भोजपुरी लोक संगीत के लोकप्रियता के बात दुनिया भर के लोग जानत बा.
गुजरल साल २००८ में भोजपुरी भाषा के जलवा दुनिया के लोग देखलस. भोजपुरी सिनेमा अतना हिट होखे लगली स कि बड़ बड़ फिलिम स्टार अउर फिलिम निर्माता एह भाषा में आपन किस्मत आजमावे लगलन .. भोजपुरी सबके अपनवलस मान देहलस आ दामो देहलस .. एकर सफलता से उत्साहित लोग टीवी चैनल खोलले, राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्रिका निकलले. द सन्डे इंडियन के भोजपुरी संस्करण आ महुवा, हमार टीवी के साथे साथे कई गो भोजपुरी वेब साइट के मिल रहल सफलता भोजपुरी भाषा के लोकप्रियता के जियत जागत प्रमाण बा ..बाकि दुःख के बात ई बा कि एह भाषा के मान्यता के सवाल रउरो सरकार में लाल फीता शाही के शिकार हो गइल बा..एकर मान्यता देबे में रिजर्ब बैंक ऑफ़ इंडिया आ संघ लोक सेवा आयोग के आपति वाला तर्क भोजपुरिया लोगन के कंठ से नीचे नइखे उतरत. एकरा बहाना से एह भाषा के मान्यता देवे में देरी कइला से भोजपुरी भाषा भासी करोड़न लोगन के मन दुखी हो रहल बाड़े.एह साल कुछ महीना के बाद रउवा सभे के जनता के बीच जनादेश मांगे आवे के बा. हमार निहोरा मानीं - "एह भाषा के मान्यता दीहीं" आ भोजपुरिया लोगन के आशीर्बाद ले के फेर राज काज चलाई .. बिस्वास बा कि रउआ हमनी के बिस्वास राखब .. इहे बा हमनी के नया साल के बधाई.
(लेखक द संडे इंडियन के हिंदी आ भोजपुरी संस्करण के कार्यकारी संपादक हवन)